E-learningToll Free Number Will Be On The Cover Of Books
किताबों के कवर पेज पर होंगे टोल फ्री नंबर, बच्चे कर सकते हैं शिकायत
उदयपुर.प्रदेश में कक्षा 1 से 8वीं तक बदली गई पुस्तकों के कवर पेज पर पहली बार चाइल्ड हेल्प लाइन और बाल अधिकारिता विभाग के टोल फ्री नंबर अंकित किए गए हैं। स्कूलों में आए दिन बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं की शिकायत को लेकर यह नंबर बच्चों और अभिभावकों के लिए मददगार साबित होंगे।
चाइल्ड हेल्प लाइन के टोल फ्री नंबर-1098 और बाल अधिकारिता विभाग के 1800-180-65-15 होंगे। प्रत्येक कक्षा की पुस्तकों के कवर पेज पर मोबाइल एप, एजुकेशन पोर्टल और छात्रवृत्ति सहित स्कूली सुविधाओं की जानकारी भी पहली बार देखने को मिलेंगी। ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक का पूरा सिलेबस एक साथ बदला है।
यह जानकारियां हैं पुस्तकों के कवर पेज पर
ई-ज्ञान पोर्टल : राज्य सरकार का egyan.rajasthan.gov.in पोर्टल है। इस पर स्टूडेंट्स को आरबीएसई की कक्षा 1 से 12वीं तक की पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हैं। स्टूडेंट्स, टीचर और स्कूल का अलग-अलग लॉगइन है जिस पर वे अपने इनोवेशन, स्टडी मेटेरियल डाल सकते हैं।
मोबाइल ऐप :केन्द्रीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने epathshala नाम से मोबाइल एप तैयार किया है। इसमें एनसीईआरटी की पुस्तकें ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। पुस्तकों के ऑडियो-वीडियो, चित्र, मानचित्र भी शामिल हैं।
सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना : sipf.raj.gov.in वेबसाइट अंकित है। इसमें विद्यार्थियों को योजना की जानकारी मिलेगी। इसमें पता लगेगा कि योग्य विद्यार्थी को कैसे आवेदन करना होगा और कितने समय में उसे लाभ मिलेगा।
सरकारी स्कूल की नि:शुल्क योजनाएं भी : स्कूली बच्चों को नि:शुल्क लैपटॉप, पुस्तकें, भोजन और छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं की जानकारियां भी पुस्तकों में अंकित की गई हैं।
स्वच्छता प्रतिज्ञा और वंदेमातरम गीत : पुस्तकों के कवर पेज पर सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की प्रतिज्ञा, वंदेमातरम गीत, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और हाथ धोने की विधि और इसकी भी प्रतिज्ञा अंकित की गई है।
कक्षा 1 से 8वीं तक की प्रत्येक पुस्तक के कवर पेज पर पहली बार चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर के अलावा छात्रवृत्ति, बच्चों के उपयोगी ऑनलाइन पोर्टल व एप की जानकारी अंकित की गई है। फिलहाल पुस्तकों के प्रिंट का काम चल रहा है। अप्रैल अंत तक प्रत्येक जिला डिपो में पहुंचाई जाएंगी। -वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री
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